30 September 2025

WISDOM ------

   प्राचीन  काल  के  हमारे  ऋषि  त्रिकालदर्शी  थे  l  उन्होंने  जो   रचनाएँ  की  उन  का    प्रत्येक  युग  के  अनुरूप   भिन्न -भिन्न  अर्थ  था  l  जैसे  हमारे  महाकाव्य  हैं  --रामायण  और  महाभारत  l  इनके  विभिन्न  प्रसंगों  में   कलियुग  की  भयावह  परिस्थितियों  में  स्वयं  के  व्यक्तित्व  को   सुरक्षित  और  विकसित   करने    के  लिए   उचित  मार्ग  क्या  है  ,  इसे  गूढ़  अर्थ  में  समझाया  गया  है  l    रामायण  का  एक  प्रसंग  है  ----- बाली  और  सुग्रीव  दो  भाई  थे  ,  दोनों  ही  बहुत  वीर  थे  लेकिन  बाली  को  यह  वरदान  प्राप्त  था  कि  कोई  भी  उसके  सामने  आकर  उससे  युद्ध  करेगा  तो  उसकी  आधी  शक्ति  बाली  को  मिल  जाएगी  l  इस  कारण  किसी  से  भी  युद्ध  हो  बाली  की  ही  विजय  होती  थी  l  किसी  कारण  से  बाली  और  सुग्रीव  दोनों  भाइयों  में  विवाद हो  गया  ,  युद्ध  की  नौबत  आ  गई  l  बाली  को   जीतना    असंभव  था  , अत:  सुग्रीव  पराजित  होकर  ऋष्यमूक  पर्वत  पर  छिपकर  रहने  लगा  l  बाली  की  यह  विशेष  योग्यता  त्रेतायुग  में  उसका  वरदान  थी  लेकिन  इस  कलियुग  में  जब  कायरता   और  मानसिक  विकृतियाँ  अपने  चरम  पर  हैं  ,  तब  ऐसी  विशेष  योग्यता  प्राप्त  लोग  अपनी  शक्ति  का  दुरूपयोग  कर  रहे  हैं  l  शक्ति  के  दुरूपयोग  के  कारण  यह  वरदान  नहीं  ,  समाज  के  लिए  अभिशाप  है  और  इस  युग  में  इन्हें  कहते  हैं '  एनर्जी  वैम्पायर  "  l  हमारे  जीवन  में  अनेकों  बार  हमारा  सामना  ऐसे  लोगों  से  होता  है   , जिनसे  बात  करके  भी  ऐसा  महसूस  होता  है   जैसे  बिलकुल  थक  गए  ,  शरीर  में  कोई  शक्ति  नहीं  रही  ,  निराशा  सी  आने  लगती  है  l  ऐसे  ही  लोग  एनर्जी  वैम्पायर  होते  हैं   जो  अपनी  बातों  से  या  किन्ही  अद्रश्य  शक्तियों  की  मदद  से   अपने  विरोधियों  को   या  जिससे  वे  ईर्ष्या  और  प्रतियोगिता  रखते  हैं   उसे  विभिन्न  तरीके  से  कष्ट  देते  हैं  , परेशान  करते  हैं  और  उसकी  एनर्जी  को  खींचकर  स्वयं  बड़ी  उम्र  तक  भी  भोग विलास  का  जीवन  जीते  हैं  l  इस  युग  में  तंत्र -मन्त्र   विज्ञान  के  साथ  मिलकर   इतना  शक्तिशाली   हो  गया  है    की  अद्रश्य  शक्तियों  की  मदद  से   एनर्जी  की  सप्लाई  और  व्यापार  भी  संभव  है  l  ऐसे  वैम्पायर  समाज  में  सभ्रांत  लोगों  की  तरह  शान  से  रहते  हैं  l  जिसकी  एनर्जी  को  वे  खींच  लेते  हैं   उसका  शरीर  बिना  किसी  बीमारी  के  सूख  जाता  है  ,  उम्र  से  पहले  बुढ़ापा  दीखने  लगता  है  ,  कोई  दवा  फायदा  नहीं  करती  l  ये  एनर्जी  वैम्पायर   अपने  धन  और  शक्ति  के  बल  पर   अमर  रहना  चाहते  हैं  l  ऐसे  लोगों  को  कोई  सुधार  नहीं  सकता  l  इस  कथा   की  यही  शिक्षा  है  कि   जब  इन्हें  पहचान  लें  तो  ऐसे  लोगों  से  सुग्रीव  की  तरह  दूर  रहे  ,  ईश्वर  की  शरण  में  रहें  l  शक्ति  का  दुरूपयोग  करने  वालों  का  न्याय  ईश्वर  ही  करते  हैं  l