19 December 2025

WISDOM ------

   बर्नार्ड  शा  एक  प्रसिद्ध  आलोचक  और  नाटककार  थे  l    उनका  एक  प्रसिद्ध  नाटक  था   ' मिसेज  वारेंस  प्रोफेशन '    इसमें  समाज  में  फैली  विकृतियों  पर  आक्रमण  किया   गया  था  l   इसमें  दिखाया  गया  था  कि  जो  लोग  समाज  में  ऊपर  से  ' सज्जन  और  सभ्य '  बने  रहते  हैं   , उनमे  से  कितनों  का  ही  भीतरी  जीवन   कितना  पतित  होता  है  l  यह  रचना  प्रकाशित  होते  ही  अश्लील  बताकर जब्त  कर  ली  गई  l  लेकिन  बाद  में  यह  प्रतिबन्ध  हटा  लिया  गया   और  इसे  सच्चरित्रता   की  शिक्षा  देने  वाला  माना  गया   l                                                                                                                     मनुष्य  नाम  का  प्राणी  जब  से  इस  धरती  पर  आया  तभी  से  विकृतियां  उसमें  हैं  , मनुष्य  ने  उन्हें  दूर  करने  का  , अपने  मन  पर  नियंत्रण  करने  का  कभी  प्रयास  नहीं  किया   इसलिए  मानव  चेतना  परिष्कृत  नहीं  हो  सकी  ,  भौतिक  रूप  से  मनुष्य  सम्रद्ध  होता  गया  लेकिन  चेतना  के  स्तर  पर   पशु  से  भी  निम्न  स्तर  का हो  गया  l  पशु  तो  अपनी  आयु  और  मौसम  के  अनुसार  आचरण  करते  हैं  लेकिन  बुद्धिमान  होने  के  कारण   और  सद्बुद्धि  न  होने  के  कारण   मनुष्य     मनुष्यता  को  ही  भूल    जाता  है   और  समाज  से  छिपकर  , मुखौटा  लगाकर   अपनी  विकृतियों  को  पोषण  देता  है  l   मनुष्य  की  सबसे  बड़ी  भूल  यह  है  कि   वह  सोचता  है  कि  समाज  से  , परिवार  से  छिपकर  वह  जो  कुकृत्य  करता  है  उसे  कोई  भी  नहीं  जान  सकेगा  l  पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- ' सत्य   को   कभी   छुपाया  नहीं  जा  सकता  l  मनुष्य  के  व्यक्तित्व  में  इतने  छिद्र  हैं  कि  सत्य  उनमें  से  होकर  बाहर  आ  ही  जाता  है  l  '  फिर   परमात्मा  हजार  आँखों  से  देख  रहा  है  , यह  सम्पूर्ण  प्रकृति  , यूनिवर्स  व्यक्ति  के  प्रत्येक  कार्य  का  , उसके  मन  में   छिपे  अच्छे-बुरे  विचारों  का  गवाह  है  l  यदि  मनुष्य  प्रकृति  के  हर  कण  में  ईश्वर  की  सत्ता  को  स्वीकार  कर  ले   तभी  वह  पापकर्म  करने  से  डरेगा  ,   ईश्वर  के  न्याय  से उसे  भय  होगा   और  यहीं  से  उसकी  चेतना  के  परिष्कृत  होने  का  मार्ग  खुल  जायेगा  l