आज हम वैज्ञानिक युग में जी रहे हैं l दुनिया ने कितनी तरक्की कर ली लेकिन फिर भी जाति , धर्म को लेकर लोग लड़ रहे हैं , दंगे -फसाद कर स्वयं अपना जीवन कष्टप्रद बना रहे हैं l कितने ही इन दंगों की आग में झुलसकर अपने परिवार को अनाथ कर रहे हैं l यह दुर्बुद्धि का सबसे बड़ा उदाहरण है कि व्यक्ति के पास जो कुछ है , वह उसका आनंद नहीं उठा पा रहा , अपनी ऊर्जा को ऐसे नकारात्मक कार्यों की योजना बनाने , , उन्ही में उलझे रहने में गँवा रहा है l यदि व्यक्ति परिवार में होने वाले झगड़े या समाज और संसार में होने वाले दंगे -फसाद और उपद्रवों के पीछे की सच्चाई को समझ जाए तब वह इनमें उलझना बंद कर देगा l इनका सच यह है कि संसार में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही शक्तियां प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हैं l संसार में हजारों वर्षों से ही युद्ध , उपद्रव आदि होते रहे हैं , ऐसा करने और कराने वालों की आत्माएं अप्रत्यक्ष रूप से इस वायुमंडल में हैं l संसार में युद्ध हों , दंगे -फसाद , उपद्रव और हत्याएं हों , परिवारों में आपस में झगड़े हो , लूटपाट , धोखाधड़ी जालसाजी सब होता रहे , यही उनके मनोरंजन का साधन है l जब ऐसा होता है तब ये नकारात्मक , आसुरी शक्तियां चाहे प्रत्यक्ष हों या अप्रत्यक्ष ताली बजा -बजाकर खुश होती हैं कि क्या मजा आ गया ! यह सब उनकी खुराक , उनके आनंद का स्रोत हैं l ये आसुरी शक्तियां लोगों के दिमाग में प्रवेश कर उन्हें ऐसे नकारात्मक कार्य करने को विवश कर देती हैं , उन्हें अपनी कठपुतली बनाकर नचाती हैं l इनसे बचने का एक ही तरीका है कि स्वयं को सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखो , अपने विवेक को जगाओ l मानव जीवन अनमोल है , ऐसे नकारात्मक कार्यों में उलझकर अपने जीवन को गँवाने से कोई फायदा नहीं , न तो इस धरती पर ही कोई सम्मान मिलेगा और न ही ऊपर कोई जगह मिलेगी , बीच में ही युगों -युगों तक भटकना होगा l