माली के पुत्र ने पिता को बाग में मेहनत करते देखकर पूछा -"पिताजी !आप गुलाब के पौधे पर इतनी मेहनत करते हैं ,वर्ष भर देखभाल करने के बाद ही पौधा तैयार होता है | इसकी जगह बेशरम की झाड़ियाँ क्यों नहीं लगाते ,वो तो बिना किसी तैयारी के ही उग आती हैं | "माली हँसा और बोला -"बेटा !श्रेष्ठ संपदाएं और विभूतियां हमेशा परिश्रम के बाद ही प्राप्त होती हैं | दुर्गुण और अवांछित तत्व तो बिना प्रयास के ही मिल जाते हैं | "
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