24 April 2018

WISDOM ----- आज देश में सबसे बड़ी आवश्यकता चरित्र - निर्माण और नैतिक जागरण की है l

 किसी  भी  समाज  का जब  चारित्रिक  पतन  होने  लगे  तो  समझो  कि  उस  देश  की  संस्कृति  खतरे  में  है  l     कुछ जातियों  को  अपनी  जातीय  श्रेष्ठता  का  अभिमान  होता  है    किन्तु  पतन  बड़ी  तेजी  से  होता  है   और   इसकी  चपेट  में  सभी  जाति  व  सम्प्रदाय  आ  जाते  हैं  ,  श्रेष्ठता  केवल  दिखावे  की  रह  जाती  है  l   मनुष्य  अपनी  मानसिक  कमजोरियों   कामना - वासना  का  गुलाम  होता  है   l   अपना  चोला  बदल  ले , शराफत  का  कोई  भी  आवरण  ओढ़  ले  ,  इन  कमजोरियों  से  मुक्ति  पाना  आसान  नहीं  है  l
  इसलिए  समस्या  यह  उत्पन्न  होती  है   कि  इस  चारित्रिक  पतन  को  कैसे  रोका  जाये   l  केवल  भाषण  या  कानून  बन  जाने  से  समस्या  नहीं  सुलझती  l    कोई  भी  देश  अपनी  संस्कृति  की ,  अपनी   जातिगत  श्रेष्ठता  की  रक्षा  करना  चाहता  है  तो  उसे  उन  कारणों  पर  प्रतिबन्ध  लगाना  होगा  जो  मन  की  कुत्सित  भावनाओं  को  भड़काते  हैं  --- अश्लील  साहित्य ,  अश्लील  फ़िल्मों   और  इन्हें  दिखने  वाली  साइट  पर  प्रतिबन्ध  हो   l  भारत  जैसे  गर्म  जलवायु  के  देश  में  शराब  और  हर  प्रकार  के  नशे  पर  प्रतिबन्ध  हो  ,  नशे  की  वजह  से  ही व्यक्ति  अमानवीय  कार्य  करता  है   l  समाज  जागरूक  हो   और  इससे  संबंधित  कठोर  कानून  बने   तभी  कुछ  सुधार  संभव  होगा   l 

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