29 December 2012

प्रतिद्वंदी को पछाड़ो मत ।अपनी महानता का परिचय देकर उसे क्षुद्र बनने दो ।वह अग्नि ,वह सूर्य ,वह समुद्र बन जाओ ।महाकाल की बनो महत्ता ,युगाकाश पर छा जाओ ।

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