11 December 2012

KRAPA

यह सारा आकाश ईश्वर केअनुदानों से भरा पड़ा है ।हमें ही पात्रता विकसित करनी है अपने भीतर की बुराइयों को दूर करके ही हम परमेश्वर की कृपा के पात्र बन सकते हैं ।

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