7 February 2013

अवसर का यथोचित उपयोग ही मनुष्य जीवन की सफलता का रहस्य है ।बसंत के अंतिम दिनों में तूफानी ठंड के दिन एक घोंघा चैरी के वृक्ष पर मंथर गति से चढ़ रहा था ।पास के वृक्ष पर बैठी चिड़िया उसकी मूर्खता पर हँस रही थी ।वह उसका मजाक करते हुए बोली कि तू इतना भी नहीं जानता कि वृक्ष में कोई फल नहीं हैं ।तू व्यर्थ में ही श्रम कर रहा है ।घोंघे ने बिना रुके ही उत्तर दिया कि बहिन आप ठीक कहती हैं ,लेकिन जब तक मैं पहुचूँगा तब तक फल लग चुके होंगे ।

No comments:

Post a Comment