1 April 2013

A good heart is better than all the heads in the world

शीमक धनी इनसान थे ,पर उनके विषय में प्रसिद्ध था कि वे कंजूस हैं | इस मान्यता के पीछे कारण यह था कि वे सादगी पूर्ण जीवन जीते थे और अन्य धनी व्यक्तियों की भाँति अमीरी का आडम्बर नहीं करते थे | उन्हें सूचना मिली कि आचार्य महीधर ने सम्पूर्ण वेदों का भाष्य लिखा है ,पर धनाभाव के कारण वे उसे छपवा पाने में असमर्थ हैं | शीमक अपनी सारी कमाई लेकर आचार्य महीधर के पास पहुंचे और बोले -"आचार्य !आप ये सारा धन रख लें और इस ज्ञान का प्रचार -प्रसार करें | यदि इस धन के माध्यम से ये सद्ज्ञान सर्वसुलभ हो पाता है तो मेरा जीवन धन्य हो जायेगा | "लोगों को जब इस घटना का पता चला तो उन्हें समझ आया कि शीमक कंजूस नहीं ,महान दानी हैं | --अभिनन्दन धन का नहीं ,ह्रदय की विशालता का ,सह्रदयता का होता है | "

No comments:

Post a Comment