सत्कर्म ही वे पंख हैं ,जिनके सहारे मनुष्य स्वर्ग तक की ऊँची उड़ान उड़ सकता है |
भगवान का भजन करना श्रेष्ठ है ,किन्तु भजन का बहाना बनाकर सामाजिक और सांसारिक कर्तव्यों से विमुख होने की जो बात सोचते हैं ,उन्हें समाज में निठल्ले ,आलसी ,ढोंगी जैसे मर्माहत शब्द सुनने पड़ते हैं |
भगवान का भजन करना श्रेष्ठ है ,किन्तु भजन का बहाना बनाकर सामाजिक और सांसारिक कर्तव्यों से विमुख होने की जो बात सोचते हैं ,उन्हें समाज में निठल्ले ,आलसी ,ढोंगी जैसे मर्माहत शब्द सुनने पड़ते हैं |
No comments:
Post a Comment