गायत्री मंत्र के जप से सूक्ष्म शरीर का सितार 24 स्थानों से झंकार देता है | गायत्री मंत्र का ध्यान सहित मानसिक जप करने से शरीर में मांस पेशियों में ,स्नायु कोषों में शिथिलीकरण प्रक्रिया को बढ़ाने वाले रसायन रक्त में बढ़ने लगते हैं जो शरीर को बड़ी तेजी से तनाव रहित करते हैं |
निश्चित संख्या ,निश्चित समय एवं निश्चित स्थान इन तीन अनुशासनों को मानकर जो गायत्री का जप करता है ,उसके जीवन में तनावजन्य परिस्थितियां कभी आयेंगी ही नहीं |
निश्चित संख्या ,निश्चित समय एवं निश्चित स्थान इन तीन अनुशासनों को मानकर जो गायत्री का जप करता है ,उसके जीवन में तनावजन्य परिस्थितियां कभी आयेंगी ही नहीं |
No comments:
Post a Comment