26 April 2013

LIFE

जीवन एक अवसर है ,जिसे यदि गँवा दिया जाये तो हाथ से सब कुछ चला जाता है और यदि उसका सही उपयोग कर लिया जाये तो प्रगति के चरम शिखर पर पहुंचा जा सकता है | जीवन एक चुनौती है ,संग्राम है ,इसे किस प्रकार सफल बनाया जा सकता है ,जिसने इस रहस्य को जान लिया और जीवन में उतार लिया ,समझना चाहिये कि वह सच्चा रत्नपारखी और उपलब्ध विभूतियों का सदुपयोग कर सकने वाला भाग्यशाली है |
जीवन न तो चमत्कार से चलता हैऔर न ही अंधविश्वास के साये में पलता -बढ़ता है | जीवन एक यथार्थ है और इसे कड़वी हकीकत से सामना करना पड़ता है ,गुजरना पड़ता है | किसी चमत्कार के सहारे जीवन की दशा और दिशा को बदला नहीं जा सकता | जीवन ओझाओं ,बाबाओं और तांत्रिकों के हाथ की कठपुतली नहीं है | यदि ऐसा होता तो अंधविश्वास के ये शागिर्द सबसे पहले स्वयं को ही बदल लेते | किंतु ये न स्वयं को बदल सकते हैं और न ही दूसरों के भाग्य में हाथ डाल सकते हैं |
अंधविश्वास में प्रमाणिकता कहां है ,यथार्थ रूप से विश्वास कहां है ,सब कुछ अँधेरे में चलता है | दिशा तो दिन के उजाले में मिलती हैअंधविश्वासी चाहता है कि बीज को डाले बगैर पेड़ फले -फूले ,वह मेहनत के बिना शार्टकट  का रास्ता अपनाकर सब कुछ पा जाना चाहता है |
जीवन किसान के उस खेत के समान है ,जिसमे फसल तो उगती है ,अनाज भी मिलता है ,परंतु कड़ी मेहनत एवं धैर्य पूर्वक सब कुछ समय साध्य होता है | ऐसा नहीं होता कि आज बीज बोया और कल फसल तैयार हो जाये | सब समय के साथ ,निश्चित क्रम के साथ होता है और इसके लिये असीम धैर्य तथा लगन -निष्ठा की जरुरत होती है |
                       हमें अंधविश्वासी नहीं ,ईश्वर विश्वासी होना चाहिये -यही जीवन के विकास का मूल मंत्र है | 

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