25 April 2013

SELF IMPORTANCE

मनुष्य स्रष्टि का सबसे समुन्नत ,ईश्वरीय शक्तियों से भरा हुआ ,असीम शक्तियों को धारण किये हुए सबसे शक्तिशाली प्राणी है | बुद्धि और ज्ञान इसके मुख्य गुण हैं ,जिनके बल पर यह संसार के सब प्राणियों का सम्राट है | इस सत्य का ज्ञान जिसे हो जाये वह मनुष्य श्रेष्ठतम कर्तव्य पथ पर चलता है |
जिसने अपने को जितना मूल्यवान समझा संसार से उसका उतना ही मूल्य प्राप्त हुआ | हमें उतना ही सम्मान ,यश प्रतिष्ठा ,प्रसिद्धि प्राप्त होती है ,जितना कि हम स्वयं अपने व्यक्तित्व का लगाते हैं |
मनुष्य के मन में ऐसी अदभुत गुप्त चमत्कारी शक्तियां दबी पड़ी रहती हैं कि वह जिन गुणों का चिंतन करता है ,गुप्त रूप से वे दिव्य गुण उसके चरित्र में बढ़ते और पनपते रहते हैं |
आत्म निरीक्षण द्वारा अपने चरित्र का वह दैवी विशिष्ट गुण आप मालुम कर सकते हैं और अभ्यास ,साधना ,चिंतन द्वारा उसे विकसित कर संसार को आश्चर्य में डाल सकते हैं | हो सकता है आप में किसी महान आत्मा का निवास हो "

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