31 May 2013

Beginning--

'The first step,which one makes in the world ,is the one on which depends the rest of our days.'

  एक मनुष्य ने किसी महात्मा से पूछा -"महात्मन !मेरी जीभ तो भगवान का नाम जपती है ,पर मन उस ओर नहीं लगता | "महात्मा बोले -"भाई !कम से कम भगवान की दी हुई एक विभूति तो तुम्हारे वश में है | इसी पर प्रसन्नता मनाओ | जब एक अंग ने उत्तम मार्ग पकड़ा है ,तो एक दिन मन भी निश्चित रूप से ठीक रास्ते पर आ जायेगा |
'शुभारंभ छोटा भी हो तो धीरे -धीरे मन सत्पथ पर चलने को राजी हो जाता है | '

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