'सेवा को सर्वोपरि ईश्वर उपासना कहा गया है । '
इटली और ऑस्ट्रिया में भयंकर युद्ध हो रहा था । नित्य सैकड़ों लोग दोनों पक्ष के मरते और घायल होते । इन आहतों की उचित देखभाल करने की कोई व्यवस्था न थी । लाशें सड़ती रहतीं और घायल चिल्लाते रहते ।
इस करुण द्रश्य को देखकर हेनरी ड्रम का मन पिघल गया । उसने एक बड़ी जमीन में चलता -फिरता अस्पताल बनाया । दोनों पक्ष से घायलों को उठा ले जाने की स्वीकृति प्राप्त की । घायल ले जाने के लिये एम्बुलेंस गाड़ी का प्रबंध किया । इस प्रयास का नाम उसने ' रैडक्रास ' रखा , यही उसका प्रतीक भी था ।
उस युद्ध में उस संस्था की सेवाओं को सर्वत्र सराहा गया । दुनिया भर में उसकी शाखाएं बनी , सरकारी मान्यता मिली । आज ' रैडक्रास ' मानव सेवा का अंतर्राष्ट्रीय संगठन है ।
इटली और ऑस्ट्रिया में भयंकर युद्ध हो रहा था । नित्य सैकड़ों लोग दोनों पक्ष के मरते और घायल होते । इन आहतों की उचित देखभाल करने की कोई व्यवस्था न थी । लाशें सड़ती रहतीं और घायल चिल्लाते रहते ।
इस करुण द्रश्य को देखकर हेनरी ड्रम का मन पिघल गया । उसने एक बड़ी जमीन में चलता -फिरता अस्पताल बनाया । दोनों पक्ष से घायलों को उठा ले जाने की स्वीकृति प्राप्त की । घायल ले जाने के लिये एम्बुलेंस गाड़ी का प्रबंध किया । इस प्रयास का नाम उसने ' रैडक्रास ' रखा , यही उसका प्रतीक भी था ।
उस युद्ध में उस संस्था की सेवाओं को सर्वत्र सराहा गया । दुनिया भर में उसकी शाखाएं बनी , सरकारी मान्यता मिली । आज ' रैडक्रास ' मानव सेवा का अंतर्राष्ट्रीय संगठन है ।
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