' ह्रदय की पवित्रता शक्ति का सबसे बड़ा स्रोत है । "
अपने चिंतन, चरित्र एवं व्यवहार के हर कोने के परिष्कार के लिये जुट जायें । हर घड़ी, हर पल स्वयं को इतना धो डालें कि जन्म-जन्मांतरों के दाग भी छूट जायें । हमारी जीवन साधना ऐसी हो जो विचारो को ही नहीं संस्कारों को भी धो डाले ।
अपने चिंतन, चरित्र एवं व्यवहार के हर कोने के परिष्कार के लिये जुट जायें । हर घड़ी, हर पल स्वयं को इतना धो डालें कि जन्म-जन्मांतरों के दाग भी छूट जायें । हमारी जीवन साधना ऐसी हो जो विचारो को ही नहीं संस्कारों को भी धो डाले ।
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