9 November 2018

WISDOM -------

   एक   राजा  अपने  मंत्री के  साथ  शिकार  पर निकला   l   आखेट  के दौरान   राजा  की  ऊँगली  कट  गई   और  रक्त  बहने  लगा  l  यह  देख  मंत्री  ने  राजा  से  कहा ----- " चिंता न  करें  राजन  ! भगवान  जो  करता  है  अच्छे  के  लिए करता  है  l " राजा  पीड़ा  से  व्याकुल  थे  ,  ऐसे  में  मंत्री  का  कथन  सुन  क्रोध  से  तमतमा  उठे   l  आज्ञा  दी  कि  मंत्री  उसी  समय  उनका  साथ  छोड़कर   अन्य  राह  पकड़  लें  l  मंत्री  ने सर  झुकाकर  राजाज्ञा  स्वीकार  की   और  भिन्न  दिशा  में  निकल  पड़े  l 
  राजा  कुछ  दूर  चले  ही   थे  कि  नर भक्षियों  के  एक  दल  ने  उन्हें  पकड़  लिया   और  उनकी  बलि   देने  की  तैयारी  होने लगी  l  तभी  उनकी  कटी   उंगली  देख  नर भक्षियों   का    पुजारी   बोला --- " अरे !  इसका  तो  अंग भंग  है  ,  इसकी   बलि    स्वीकार  नहीं  की  जा  सकती  l  " राजा  को  जीवनदान  मिला  तो उसे  अपने  ईश्वर भक्त  मंत्री  की    याद   आई   l   वे  तुरंत  मंत्री  की  तलाश  में  निकल  पड़े   l  मंत्री  नदी  के किनारे  भजन  में  तल्लीन  थे   l  राजा  ने  मंत्री  को  गले  लगाया  और  सारी   घटना   सुनाई   और पूछा   कि  मेरी  उंगली  कटी   तो  इससे भगवान  ने  मेरी  जान  बचाई  ,  पर  मैंने  तुम्हे   इतना  अपमानित  किया  तो  उसमे  तुम्हारा क्या  भला  हुआ  ? " मंत्री   बोले  --- ' राजन  !  यदि  मैं  भी  आपके  साथ  होता  तो   अभी  आपके  स्थान  पर मेरी  बलि  चढ़  चुकी  होती  ,  इसलिए  भगवान  जो  भी  करते  हैं  ,  मनुष्य  के  भले  के  लिए  ही करते  हैं  l  "

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