15 May 2020

WISDOM -----

    धूर्त  व्यक्ति  हमेशा  अपना  लाभ  देखता  है   l   वह   कमजोर  का  नित  नए  तरीके  से  शोषण  करता  है  l   यदि  वह  कमजोर  के  साथ  कोई  समझौता  करता  है  या  कोई  रहम  करता  है  ,  तो  इस  दरियादिली  की  आड़  में  वह  अपना   बहुत  बड़ा  स्वार्थ  पूरा  करता  है  ,  इसलिए  नीति   कहती  है --- धूर्त  के  साथ  सहयोग  कभी  हितकारी  नहीं  होता   l   इसी  बात  को  स्पष्ट  करती  हुई  एक  प्रेरक  कथा  है -----
   एक  शेर  ने    कुछ  सियारों  के  सहयोग  से    बारहसिंगा  मारा  l   मांस  के  बँटवारे   का  निपटारा  सिंह  को  ही  करना  था  l  उसने  शिकार  के  टुकड़े  किये   और  कहा  ---- "  एक  टुकड़ा  राजवंश  का  ' कर '  है  ,  l   दूसरा  टुकड़ा  अधिक  पुरुषार्थ  करने  से  मेरा  l    और  तीसरा  स्वयंवर  जैसा  है  ,  उसे  पाने  के  लिए   प्रतिद्वंदिता  में  जो  आना  चाहे  ,  वो  संघर्ष  के  लिए  तैयार  हो   l   सियार  बेचारे  चुपचाप  खिसक  गए  l   सिंह  ने  पूरा  बारहसिंगा  खा  डाला  l
शिक्षा    यही  है   कि   धूर्त  के  साथ  सहयोग  कभी  हितकारी  नहीं  होता   l   जहाँ  तक  हो  उससे  बचना  चाहिए   l 

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