1 March 2022

WISDOM ----

   कभीी  ऐसा  वक्त  आता  है  कि   स्वयं  को   विकसित , सभ्य  और  आधुनिक  कहने  वाले   व्यक्ति  हों  या   राष्ट्र  हों  ,  उनकी  असलियत , उनका  असली  चेहरा  संसार  के  सामने  आ  जाता  है  l    जो  मुखौटा  लगाकर  वे  अपने  को  सर्वश्रेष्ठ     बताते  थे ,  उन्ही  की  गलतियों  के  कारण  उनका  यह  मुखौटा  खिसक  गया   और  उनका  असली  चेहरा  सामने  आ  गया  l   अब  विद्वानों   और  अर्थशास्त्रियों  के  सामने   एक  नई   समस्या  खड़ी  हो  गई  ,  विकसित  देशों  को  कैसे  परिभाषित  करें  ?     जिन  देशों  की  प्रतिव्यक्ति  आय , राष्ट्रीय   आय  अधिक  है   और  वे  दूसरे  देश  पर  आक्रमण  करते  हैं , लोगों  का  सुख - चैन  छीनते   हैं  ,  निर्दोष  बच्चों  को  भी  नहीं  छोड़ते ,     पर्यावरण  प्रदूषित  करते  हैं   ,    यदि  यही  सभ्यता  का  पैमाना  है ,  विकास  की  परिभाषा  है   तो  ये  विकास  उन्हीं  को  मुबारक  !   हम  जैसे  हैं  ,  बहुत  अच्छे  हैं  l 

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