14 July 2024

WISDOM -----

 पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- " आकर्षक  व्यक्तित्व  का  निर्माण   शक्ति  और  संवेदना  के  सम्मिश्रण  से  होता  है  l  इन  दोनों  तत्वों  का  समन्वय  जहाँ -जहाँ  जितनी  भी  मात्र  में  होगा  , वहां  पर  उसी  के  अनुरूप  व्यक्तित्व  आकर्षक  और  चुंबकीय   होता  चला  जायेगा  l  संवेदना विहीन  अकेली  शक्ति   व्यक्ति  को  अहंकारी  और  निष्ठुर  बना  देती  है    और  व्यक्ति  यदि   केवल  संवेदनशील  है   उसमें  द्रढ़ता  व  शक्ति  नहीं  है   तो  लोग  उसे   'बेचारा  और  दया  का  पात्र  '  समझते  हैं  l  इसलिए  अपने  व्यक्तित्व  को  आकर्षक  बनाने  के  लिए  अपनी   शक्ति  व  क्षमताओं  को  संवेदनाओं  से  युक्त  कीजिए   l '    आचार्य श्री  आगे  लिखते  हैं ---   'सद्गुणों  से  और  श्रेष्ठ  विचारों  से  व्यक्ति  मानसिक  स्तर  पर  क्षमतावान  बनता  है   l  दुर्गुणी जनों  को  भी   आकर्षक  बनने  के  लिए   सद्गुणों  की  कलई  चढ़ानी  पड़ती  है    लेकिन  यह  कलई  उतरते  ही   उनकी  बड़ी  फजीहत   होती  है  l  "

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