20 August 2024

WISDOM ---

  पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- " यदि  व्यक्ति  में  असाधारण  योग्यता  के  साथ  लगन  है  तो  वह  अपने  जीवन  में  कुछ  भी  हासिल  कर  सकता  है  l  यदि  साधारण  योग्यता  के  साथ  कार्य  करने  की  लगन  है   तो  वह  जीवन  में  कुछ -न -कुछ   विशेष  कर  ही  लेता  हैं   l लेकिन  यदि  व्यक्ति  में  लगन  ही  नहीं  है   तो  ऐसा  व्यक्ति  जीवन  में  कुछ  खास  नहीं  कर  पाता  l   लगन  के  साथ  अभ्यास  कर  के  व्यक्ति  अपनी  कमजोरी  को  ताकत  में  बदल  सकता  है  l  "  एक  प्रेरणादायक  कहानी  है ------  जापान  के  एक  दस  वर्षीय  बच्चे  को   जूडो  सीखने  का  बहुत  शौक  था  ,  लेकिन  उसका  बांया  हाथ  नहीं  था  l  फिर  भी  वह  अपने  माता -पिता  से  जूडो  सीखने  की  जिद  करने  लगा  l   आखिरकार  उसके  माता -पिता  उसे   मशहूर  मार्शल  आर्ट्स   गुरु  के  पास  ले  गए   l गुरु  ने  जब  उस  बालक   जिसका  नाम  ओकायो  था , उसे  देखा  तो  उन्हें  अचरज  हुआ  l  उन्होंने  उससे  पूछा --- " इस  हालत  में   तुम  अपने  प्रतिद्वंदी  का  मुकाबला   कैसे  करोगे  l  "   ओकायो  ने  कहा ---- "  यह  बताना  आपका  काम  है  l  मैं  तो   बस    इतना  जानता  हूँ   कि  मुझे  सभी  को  हराकर  एक  दिन   खुद  ' मास्टर '  बनना  है  l  मार्शल  आर्ट्स  गुरु   उसकी  प्रबल  इच्छा  शक्ति  से  बहुत  प्रभावित  हुए   और  उसे  अभ्यास  कराने  लगे   l   कुछ  दिन  सीखने  पर  ओकायो  को  यह  महसूस  हुआ  कि   उसके  गुरु  दूसरे  लड़कों  को  अलग -अलग  दांव -पेच  सिखा  रहे  हैं  ,  लेकिन  उसे  एक  ही  तरह  की  किक  लगाने  का  ही  बार -बार  अभ्यास  करा  रहे  हैं  l  उसने  गुरु  से  अपने  मन  की  शंका   जाहिर  भी  की  ,  लेकिन  गुरु  ने  उसे  दूसरों  पर  ध्यान  न  देते  हुए   उसी  अभ्यास  में  महारत  हासिल  करने  के  लिए  कहा  l  सभी  शिष्यों  के  सालोंसाल  अभ्यास  के  बाद  गुरु  ने  सबको  बुलाया  और  कहा --- "  अब  एक  प्रतिस्पर्धा   आयोजित  की  जाएगी  और  जीतने  वाले  को  ' सेंसेई  ' ( मास्टर )  की  उपाधि  दी  जाएगी  l "  नियत  समय  पर  प्रतिस्पर्धा  शुरू  हुई  l  ओकायो  ने  पहले  दो  मैच  बड़ी  आसानी  से  जीते  l  तीसरा  मैच  कुछ   कठिन  था  लेकिन  कुछ  संघर्षों  के  बाद  ओकायो  ने  तेज  किक  के  साथ  अपने  प्रतिद्वंदी  को  गिरा  दिया   और  विजयी  हुआ  l  और  भी  कई  मैच   जीतने    के  बाद  ओकायो  विजेता   हुआ  और  उसे  सेंसेई '  घोषित  किया  गया   l  सेंसेई  घोषित  होने  के  बाद  ओकायो  ने  गुरु  से  अपनी  जीत  का  रहस्य  पूछा  l  गुरु  ने  कहा --- " प्रतिस्पर्धा  में  तुमने  जिस  किक  का   इस्तेमाल  किया  ,  उससे  बचने  का   केवल  एक  ही  उपाय  था  --- कि  विरोधी  का  बांया  हाथ  पकड़  कर  गिरा  दो   और  तुम्हारा  तो  बांया  हाथ  ही  नहीं  है  l  इसलिए  तुम्हारे  प्रतिद्वंदी  से  कुछ  करते  नहीं  बना  l "   ओकायो  समझ  गया  कि   लगातार  लगन  से  किए  गए  अभ्यास  के  कारण  उसकी  कमजोरी  उसकी  सबसे  बड़ी  ताकत  बन  गई  l  

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