19 March 2013

पंडित शास्त्री की गणना काशी के महान विद्वानों में होती है | एक दिन उनके एक शिष्य ने उनसे इस सफलता का रहस्य पूछा ,शास्त्रीजी ने शिष्य को एक ताला -चाबी पकड़ाते हुए कहा -"मैंने जीवन में जो भी अर्जित किया ,इससे प्रेरणा पाकर ही किया | शिष्य की उत्सुकता को भाँपते हुए वे बोले -"ये ताला सफलता का प्रतीक है और चाबी पात्रता की | मेरे जीवन भर के अनुभवों का सार यह है कि सफलता का ताला पात्रता की चाबी से खुलता है | | यश प्रतिष्ठा के पीछे भागने के बजाय यदि मनुष्य अपना समय पात्रता विकसित करने में लगाए तो उसका व्यक्तित्व सफलता को उसके जीवन में आने केलिए विवश कर देता है |

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