5 March 2013

इच्छा शक्ति परमात्मा का मनुष्य को सबसे शक्तिशाली एवं दिव्य वरदान है |
भौतिक जीवन में सफलता और आत्म बल का संपादन प्रबल इच्छा शक्ति के बिना संभव नहीं हो सकता | मनुष्य को महानता के शिखर पर पहुँचाने में इच्छा शक्ति या संकल्प बल सर्वोपरि है | संकल्प में आकांक्षा ,योजना और आगे बढ़ने के लायक साहसिकता जुड़ी रहती है | यह संकल्प ही मनुष्य जीवन का वास्तविक बल है | प्रत्येक मनुष्य में अपनी इच्छा शक्ति होती है | यदि उसे ईश्वर अर्पित कर श्रेष्ठ कार्यों के लिये सदुपयोग किया जाये तो जीवन में कोई कमी नहीं रहती | मानव जीवन का परम पुरुषार्थ यही है कि वह अपनी निकृष्ट मानसिकता ,लोभ ,मोह और अहंकार की जंजीरों को तोड़ने का द्रढ़ संकल्प ले और अपनी प्राणशक्ति का प्रयोग सत्प्रयोजन व उदारता के लिये करे | इसी में जीवन की सार्थकता है |

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