30 June 2013

TO BE POSITIVE

'जीवन में कोई भी घटना ,न तो बुरी है और न व्यर्थ | बुरा तो हमारा अपना मन होता है ,जो ईश्वर के मंगलमय विधान में बुराई ढूंढने लगता है | '
            परम पिता  परमेश्वर तो परम कृपालु हैं ,वे तो मनुष्य की उन्नति के लिये ,उसे निखारने ,संवारने के लिये उचित ,उपयुक्त ,आवश्यक एवं अनिवार्य घटनाओं की श्रंखला रचते हैं | जिसके लिये जो सही है ,उसके जीवन में वही घटित होता है | भगवद -विधान तो हमारे लिये सब कुछ जुटा देता है ,बस हम ही अपने  नकारात्मक -निषेधात्मक स्वभाव के कारण उनका सदुपयोग नहीं कर पाते | सच्चा ईश्वर विश्वासी ,सच्चा भक्त तो वही है ,जो भाव में ,विचार में ,कर्म में प्रत्येक पल सकारात्मक होता है | महामानवों का शिक्षण यही है कि जीवन के प्रत्येक पल एवं प्रत्येक घटनाक्रम का सकारात्मक एवं सार्थक उपयोग करो | जीवन की हर चोट ,हर पीड़ा हमें गढ़ती है ,संवारती है |

          सुप्रसिद्ध अँग्रेज अभिनेता टाल्या के स्वास्थ्य और सौंदर्य से आकर्षित होकर डाइरेक्टरों ने उसकी मांग स्वीकार कर ली और उसे रंगमंच पर पहुंचा दिया ,किंतु उस बेचारे से न तो एक शब्द बोलते बना और न नाचते -कूदते | फिल्म डाइरेक्टर ने गले की शर्ट पकड़ी और और झिड़क कर नीचे उतार दिया | कई अच्छे लोगों की सिफारिश से एक बार फिर रंगमंच पर पहुंच तो गया ,पर एक ड्रामे में बोलते समय ऐसी घिग्गी बंधी कि कुछ बोल ही नहीं पाया | फिल्म की आधी रील बेकार गईं | डाइरेक्टर ने डाँटकर कहा "-महाशय !  अब दुबारा आने का प्रयत्न मत करना | "और उसे डाँटकर वहां से भगा दिया |
       टाल्या फिर भी हिम्मत न हारा ,कुलियों जैसे सामान उठाने के छोटे -छोटे पार्ट अदा करते करते एक दिन सुप्रसिद्ध अभिनेता बन गया | किसी ने पूछा -"तुम्हारी सफलता का रहस्य क्या है ?"तो उसने हँसकर कहा -"जितनी बार गिरो ,उतनी बार उठो '| यह सिद्धांत स्वीकार कर लें तो आप भी निरंतर उठते चले जाओगे ,किसी सहारे की जरुरत नहीं पड़ेगी |    

No comments:

Post a Comment