'अपने ऊपर विजय प्राप्त करने और अपने को सुव्यवस्थित बनाने में निरंतर संलग्न रहने से ही मनुष्य सच्चा ज्ञान और सच्चा प्रेम प्राप्त कर सकता है |
दुनिया के प्राय: सभी धर्मों ने अनेक साधनाएं आविष्कृत कीं , अनेक विधियाँ बनाई , लेकिन ये सब अंतत: एक निष्कर्ष बताती हैं---- अगर हो सके तो स्वयं को देख लो | कस्तूरी मृग की तरह इधर-उधर भटकने -भ्रमित होने से क्या फायदा |कस्तूरी तो मृग की नाभि में ही होती है |
इसी तरह परमेश्वर भी स्वयं के ह्रदय में अवस्थित है | खोज सको तो खोजो , पा सको तो पा लो |
एक व्यक्ति मरने के बाद स्वर्ग पहुंचा | उसने चित्रगुप्त के समक्ष अमृत , पारस और कल्पवृक्ष देखने की इच्छा प्रकट की | उन्होंने उसके दर्शन की व्यवस्था बना दी | वहां पहुंचने पर उसने देखा कि अमृत के झरने में , पारसमणि में और कल्पवृक्ष में माँ गायत्री का दर्शन हो रहा है | पूछने पर पता चला कि अमृत , पारस , कल्पवृक्ष और कुछ नहीं सदभावनाएँ , सद्बुद्धि और सत्कर्म ही हैं और जो इनके संपर्क में आता है , उसका जीवन पवित्र , प्रखर और पुण्यवान होता चला जाता है |
गायत्री और कुछ नहीं , वरन सद्ज्ञान और सत्कर्म की देवी हैं | सत्कर्मों के प्रकाश-पथ पर जो चल पड़ता है उसे उनका अनुग्रह प्राप्त हो जाता है और उसके जीवन में अमृत , पारस एवं कल्पवृक्ष तीनो का समावेश हो जाता है |
दुनिया के प्राय: सभी धर्मों ने अनेक साधनाएं आविष्कृत कीं , अनेक विधियाँ बनाई , लेकिन ये सब अंतत: एक निष्कर्ष बताती हैं---- अगर हो सके तो स्वयं को देख लो | कस्तूरी मृग की तरह इधर-उधर भटकने -भ्रमित होने से क्या फायदा |कस्तूरी तो मृग की नाभि में ही होती है |
इसी तरह परमेश्वर भी स्वयं के ह्रदय में अवस्थित है | खोज सको तो खोजो , पा सको तो पा लो |
एक व्यक्ति मरने के बाद स्वर्ग पहुंचा | उसने चित्रगुप्त के समक्ष अमृत , पारस और कल्पवृक्ष देखने की इच्छा प्रकट की | उन्होंने उसके दर्शन की व्यवस्था बना दी | वहां पहुंचने पर उसने देखा कि अमृत के झरने में , पारसमणि में और कल्पवृक्ष में माँ गायत्री का दर्शन हो रहा है | पूछने पर पता चला कि अमृत , पारस , कल्पवृक्ष और कुछ नहीं सदभावनाएँ , सद्बुद्धि और सत्कर्म ही हैं और जो इनके संपर्क में आता है , उसका जीवन पवित्र , प्रखर और पुण्यवान होता चला जाता है |
गायत्री और कुछ नहीं , वरन सद्ज्ञान और सत्कर्म की देवी हैं | सत्कर्मों के प्रकाश-पथ पर जो चल पड़ता है उसे उनका अनुग्रह प्राप्त हो जाता है और उसके जीवन में अमृत , पारस एवं कल्पवृक्ष तीनो का समावेश हो जाता है |
Very nice thought mummy :) :) your blog is very inspiring and educative :)
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