5 February 2014

WISDOM

' हमारे  विचारों  का  संसार   विधेयात्मक  हो  तो  सम्पूर्ण  व्यक्तित्व  बदल  जाता  है  |'
दुर्बलताएं  स्वभाविक  हैं  | मनुष्य  का  स्वभाव  है  कि  वह  कभी  भी  भटक  सकता  है  | पर  आशावाद  निरंतर  जिंदा  रखें  | मानव  का  वास्तविक  स्वरुप  दिव्य  है  एवं  क्षमताएं  अनंत  हैं  |
ईश्वर  विश्वास  - ईश्वर  सदा  हमारे  साथ  हैं   , इस  भावना  से  आत्मविश्वास  बढ़ता  है  कि  हमारे  चारों  ओर  एक  सुरक्षा  कवच  है  | अब  कोई  हमारा  कुछ  नहीं  बिगाड़  सकता  |
         ध्यान  द्वारा  व्यक्ति  अपनी  आदतों, व्यवहार  को  बदल  सकता  है , विचारों  में  परिवर्तन  कर  सकता  है, संस्कारों  को  बदल  सकता  है  एवं  औरों  के  विचारों  को  प्रभावित  कर  उन्हें  भी  बदल  सकता  है






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