25 February 2018

WISDOM ------ जब संवेदना जाग उठी

 अमेरिका  के  विश्व  प्रसिद्ध  संगीतकार  सिग्रफिड  जोनसन  जन्म  से  अन्धे  थे   l  किसी  ने  उन्हें  संगीत  साधना  की  प्रेरणा  दी  l  उन्होंने  दिन - रात  परिश्रम  किया  , उनकी  गणना  अमेरिका  के   प्रसिद्ध  संगीतकारों  में  होने  लगी l  देश - विदेश में  उन्हें  कार्यक्रम  मिलने  लगे  और  अपनी  कला  के  प्रदर्शन  के  लिए  वे  विभिन्न  देशों  की  यात्राएँ  संपन्न  करने  लगे  l  इन्ही  यात्राओं  के  अंतर्गत  वे  एक  बार  भारत  आये  l   उनकी  कार  जिस  स्थान  पर  आकर  रुकी  वहां  एक  अँधा  भिखारी  बैठा  भीख  मांग  रहा  था , वह  बड़े  कारुणिक  स्वर  में  गा  रहा  था  और  बीच - बीच  में ' अंधे  को  रोटी  दे '  की  टेर  भी  लगा  देता  l  उन्होंने  अपने  ड्राइवर  से  पूछा  कि  --- " क्या  इस  देश  में  सभी  अंधे  व्यक्ति    भीख  मांग  कर  आजीविका  चलाते  हैं  ? "  ड्राइवर  ने  कहा --- "  जी  हाँ , लगभग  ऐसा  ही  है  l "
  उन्हें  बहुत  दुःख  हुआ  l  वे  विचार  करने  लगे  कि   अंधे ,  अपंग  किसी  की  दया  पर  नहीं  रहें ,  उनमे  आत्मविश्वास  पैदा  हो  l  उनके  ह्रदय में  करुणा  जाग  गई  ,  उन्होंने  निश्चय  किया  कि   वे  भारत  में  एक  ऐसा  आश्रम  स्थापित  करेंगे  जिसमे  अंधे  व्यक्ति  रहकर  सम्मान पूर्वक  आजीविका  कमा  सकें  l   उन्होंने  छह  वर्ष  तक  भारत  में  विभिन्न  स्थानों  पर  संगीत  कार्यक्रम  दिए  l  उनके  टिकट  से  होने  वाली आय  को   अंधाश्रम  की व्यवस्था  के  लिए  सुरक्षित  रखा  l    वे  दक्षिण  भारत  के  ऐलम  जिले  के   तिरुपत्तर  गाँव  में  विशाल  आश्रम  की  योजना  को  मूर्त  रूप  देने  में  लगे  रहे  l  जिस  समय वे  अपने  देश  रवाना  हुए  तब  उन्होंने  लगभग  दो  लाख  रुपया  आश्रम  को  दिया  l  उनका  यह  प्रयास  आज  भी  अंधों  के  सम्मानित  जीविका  उपार्जन   के  रूप  में  देखा  जा  सकता  है  l   

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