6 March 2021

WISDOM ------

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- "  संसार  में  अनीति  इसलिए  नहीं  बढ़ी   कि  दुरात्माओं  की  ताकत  अधिक  थी  l   बल्कि  उसका  विस्तार  इसलिए  अधिक  हुआ    क्योंकि  उत्पीड़िकों   में  विरोध - प्रतिरोध  का  साहस  नहीं  रहा   l   अन्याय   इसलिए बढ़ता  है   क्योंकि  उसके  विरोध  में    सिर   उठाने  वाला  साहस   मूक , बघिर  ,  पंगु  बना  पड़ा    है   l   सहन  करने  में  तो  अत्याचारी  का  साहस  बढ़ता  है  l    बकरियाँ   पालतू  बन  गईं   पर  हिरणों  पर  यह  प्रयोग  सफल  नहीं  हुआ  l   दोनों  की  जाति   और  स्थिति  में  थोड़ा  सा  ही  अंतर  है  l   कुत्ते  और  सियार  एक  ही  जाति   के  हैं   l    बिल्ली  और  बन - बिलाव  में   नाम  मात्र  का  अंतर  है   l   एक  ने  मनुष्य  की  दासता   स्वीकार  कर  ली   l   दूसरे  ने  नहीं  की   l   समर्थ  होने  के  कारण  प्राण  तो  लिए  जा  सकते  हैं    पर  वशवर्ती  नहीं  बनाया  जा  सकता    l   अत:  दुष्टों  की  तरह  दुर्बल  भी  दोषी  माने   गए  हैं   l "

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