9 October 2023

WISDOM -----

   आज  का  समय  कुछ  ऐसा  है  कि   परिवार, समाज , संस्थाएं , राष्ट्र  और  सम्पूर्ण  संसार  में  कलह , दंगे -फसाद ,  झगड़े  और  युद्ध  की  स्थिति  है  l  इसके  मूल  में  प्रमुख  दो  ही  कारण  हैं ---1. विवेक   न  होना  2. अहंकार  और  उससे  उत्पन्न  बदले  की  भावना  l   यह  बदले  की  भावना  पीढ़ी -दर -पीढ़ी  चलती  रहती  है  l  यदि  इस  पीढ़ी  में  किसी  भाई  ने  छल -कपट  से   दूसरे  भाई  की  संपत्ति  हड़पी   और  धोखे  से  उसे  मरवा  दिया   तो  यदि  हम  उसकी  पिछले  दो  तीन  पीढ़ियों   के  बारे  में  पता  करेंगे   तो  उन  पीढ़ियों  में  भी  ऐसी  ही  घटना  अवश्य  हुई  होगी l l बदले  की  भावना  यदि  समाप्त  न  हो  तो  ऐसा  पैटर्न   हजार , पांच  सौ  साल  तो  क्या  युगों  तक  चलता  ही  रहता  है  l   विभिन्न    देशों  में  जो  युद्ध  होते  हैं   वे  इसी  बदले  की  भावना  और  अहंकार  के  कारण  है ----' तुमने  वर्षों  पहले  ऐसा  किया  था  इसलिए   अब  हम  भी  नहीं  छोड़ेंगे '     जबकि  जिसने  किया  और  जिसके  साथ  हुआ  वे  सब  इस  संसार  से  जा  चुके  हैं   लेकिन  बदले  की  भावना  जो  संस्कारों  में  भरी  है   वह  उफान  मारती  है    और   ऐसे  कुत्सित  संस्कारों  से  भरा  व्यक्ति   और  व्यक्ति  समूह  युगों  पहले  किए  गए  अपराधों  को  बार -बार  दोहराते  हैं  l   अपने  विकास  , अपनी  समृद्धि  को  अपने  ही  हाथों  नष्ट  करते  हैं  l  यदि  मनुष्य  का  विवेक  जाग  जाए   तो  अपनी   ऊर्जा  ओर  अपने  साधनों  को  दूसरों  से  बदला  लेने  के  स्थान  पर  अपने  सुरक्षा  कवच  को  मजबूत  करने  में   खर्च  करे  l  हम  दूसरे  को  तो  नहीं  सुधार  सकते  लेकिन  अपना  सुरक्षा  कवच   मजबूत  बना  सकते  हैं  l   परिवार  हो  या  राष्ट्र  हो  केवल  भौतिक  साधनों  से  सुरक्षा  कवच  मजबूत  नहीं  होता  , उसकी  मजबूती  के  लिए  जरुरी  है  श्रेष्ठ  चरित्र ,  नैतिक  मूल्यों  पर    आधरित    जीवन  जीने  से  उत्पन्न  आत्मविश्वास   l  यदि  ऐसा  आत्मबल  है  तो  दुश्मन  का  हर  वार  विफल  हो  जायेगा  , स्वयं  दैवी  शक्तियां  उसकी  रक्षा  करेंगी  l  पांडव  केवल  पांच  थे ,  कौरवों  के  पास  विशाल  सेना  थी   लेकिन  वे  पांडवों  का  कुछ  नहीं  बिगाड़  सके  l   उन  पर  नारायण  अस्त्र  का  भी  प्रहार  किया  गया   लेकिन  पांडवों  की  नम्रता  और  सत्य  और  न्याय   पर   उनके  आचरण  के  कारण   वह  भी  झुककर  वापस  चला  गया  l  आज  संसार  के  लिए  जरुरी  है  कि  अरबों  की  संपत्ति  मारक  हथियारों , बम  आदि  पर  खर्च  करने  के  बजाय   श्रेष्ठ  मनुष्यों  के  निर्माण  पर   धन  व्यय  करे  l  आज  संसार  बारूद  के  ढेर  पर  है  और  बदले  की  भावना  से  ग्रस्त  विकृत  मानसिकता   स्वयं  के  साथ  दूसरों  को  भी  नष्ट  कर  देती  है  l  

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