22 June 2024

WISDOM -------

   गोपियों  ने  एक  बार  बाँसुरी  से  पूछा  ---- " तुम्हे  कृष्ण  स्वयं  हर  समय   होठों  से  लगाए  रहते  हैं   और  हम   सब  उनकी  कृपा   पाने  के  लिए   बहुत  प्रयत्न  करते  हैं  , परन्तु  सफल  नहीं  होते  ,  जबकि  तुम  बिना  प्रयत्न  किए  ही   उनके  अधरों  पर   रहती  हो  l  "  बाँसुरी  बोली  ---- " बिना  प्रयत्न  किए   नहीं  गोपियों  l  मैंने  भी  प्रयत्न  किया  है  l  जानती  हो  मुझे   मुरली  बनने  के  लिए   अपना  मूल  अस्तित्व  ही  खो  देना  पड़ा  है  l  "  गोपियों  को  तब  समझ  में  आया  l  बाँसुरी  अपने  आप  में  खाली  थी  l  उसमे  स्वयं  का  कोई  स्वर  नहीं   गूँजता  था  , बजाने  वाले  के  ही  स्वर  बोलते  थे   l  बाँसुरी  को  देखकर  कोई  यह  नहीं  कह  सकता  कि   वह  कभी  बाँस  रह  चुकी  है   क्योंकि  न  तो  उसके  कोई  गाँठ  थी   और  न  कोई  अवरोध  l  गोपियों  को  भगवान  का  प्यार  पाने  का   अनूठा  सूत्र  मिल  गया  l  

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