' सच्चे गुरु के लिए सैकड़ों जन्म समर्पित किए जा सकते हैं l सच्चा गुरु वहां पहुंचा देता है जहाँ शिष्य अपने पुरुषार्थ से कभी नहीं पहुँच सकता है l " -------- गुरु -कृपा से असंभव भी संभव है l श्रद्धा और विश्वास जरुरी है l कोई तर्क नहीं , कोई संशय नहीं l पं . श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गायत्री मन्त्र के माध्यम से हमें जीवन में सफलता की राह को बताया l उन्होंने बताया कि अनेक देवी -देवता हैं , अनेक विधियाँ हैं जिनसे हम मन चाही मुराद पूरी कर सकते हैं , लेकिन वह स्थायी नहीं होगी , भाग्य को बदला नहीं जा सकता लेकिन ' गायत्री मन्त्र ' में वह शक्ति है जो प्रारब्ध को बदल दे l ' गायत्री महाविज्ञान ' में उन्होंने इसे विस्तार से समझाया है l वे कहते हैं कि श्रद्धा और विश्वास से आप गायत्री मन्त्र की शुरुआत तो करो , शेष सब ' माँ ' स्वयं करा लेंगी l आचार्य जी ने अपने विचारों से हमें जीवन जीने की कला सिखाई है जिसकी आज के युग में सबसे ज्यादा जरुरत है l आचार्य जी के अनमोल वचन ---------------------1 . l भगवत कार्य में कोई भी कर्ता नहीं मात्र निमित्त ही होता है l अपने से कितना भी बड़ा एवं विशिष्ट कार्य संपन्न हो जाने पर भी यदि स्वयं को निमित्त मात्र ही माना जाये तो अहंकार नहीं होता l " 2 असीम सत्ता पर गहरी आस्था और विश्वास से हमें ऊर्जा मिलती है , यदि आस्था गहरी हो तो सफलता में उन्माद नहीं होता और असफलता में अवसाद नहीं होता l 3 ' अपने चिन्तन , चरित्र एवं व्यवहार के हर कोने के परिष्कार के लिए जुट जाएँ l हर घड़ी हर पल स्वयं को इतना धो डालें कि जन्म जन्मान्तर के दाग भी छूट जाएँ l हमारी जीवन साधना ऐसी हो जो विचारों को ही नहीं , संस्कारों को भी धो डालें l '
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