17 October 2024

WISDOM -------

   एक  गुरु  के  दो  शिष्य  थे  l  दोनों  ही  बड़े  ईश्वर  भक्त  थे  l  ईश्वर  उपासना  के  बाद  वे  आश्रम  में   रोगियों  की  चिकित्सा  में  गुरु  की  सहायता  किया  करते  थे  l  एक  दिन  उपासना  के  समय  ही   कोई  कष्ट  से  पीड़ित  रोगी  आ  पहुंचा  l  गुरु  ने  पूजा  कर  रहे  शिष्यों  को  बुलाने  के  लिए  आदमी  भेजा  l  शिष्यों  ने  कहलवा  भेजा  कि  अभी  थोड़ी  पूजा  बाकी  है  , पूजा  समाप्त  होते  ही  आ  जाएंगे  l  '  गुरूजी  ने  दोबारा  फिर  आदमी  भेजा  l  इस  बार  शिष्य  आ  गए  ,  पर  उन्होंने  अकस्मात  बुलाए  जाने  पर  असंतोष  ब्यक्त  किया   l  गुरु  ने  कहा  --- "  मैंने  तुम्हे  इस  व्यक्ति  की  सेवा  के  लिए  बुलाया  था  l  प्रार्थनाएं   तो  देवता  भी  कर  सकते  हैं  ,  किन्तु  कष्ट  पीड़ितों  की  सहायता  तो  मनुष्य  ही  कर  सकते  हैं  l   सेवा  ,  प्रार्थना  से  अधिक  ऊँची  है  क्योंकि  देवता  सेवा  नहीं  कर  सकते  l  "  शिष्य  अपने   कृत्य   पर  बड़े  लज्जित  हुए   और  उस  दिन  से  प्रार्थना  की  अपेक्षा  सेवा  को  अधिक  महत्त्व  देने  लगे  l  

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