24 November 2025

WISDOM -----

   पं . श्रीराम  शर्मा आचार्य जी  लिखते  हैं  --- ' आज  सबसे  बड़ी  आवश्यकता   आस्था  और  विचारों  को  बदलने  की  है  l  इन  दिनों  आस्था  संकट  सघन  है  l  लोग  नीति और  मर्यादा  को  तोड़ने  पर  बुरी  तरह  उतारू  हैं  l  अनाचार  की  वृद्धि  से  अनेकों  संकटों  का  माहौल  बन  गया  है  l  न  व्यक्ति  सुखी  है  न  समाज  में  स्थिरता  है  l  समस्याएं  , विपत्तियाँ  निरंतर  बढ़ती  जा  रही  हैं  l  स्थिर  समाधान  के  लिए  जनमानस   के  द्रष्टिकोण  में  परिवर्तन  , चिन्तन  का  परिष्कार   और  सत्प्रवृत्ति  संवर्द्धन  ,प्रमुख  उपाय  है  l  "    संसार  में  विभिन्न देशों  की  सरकारें  सामाजिक  सुधार  और  कल्याण  के  लिए  अनेकों  नियम , कानून   बनाती   हैं  लेकिन  यदि   जनमानस  के  विचार  श्रेष्ठ  नहीं  हैं  , चिन्तन  परिष्कृत  नहीं  है   तो  उन  नियमों   से  कोई  विशेष  समाज  में  परिवर्तन  नहीं  होता  l   मानसिकता  नहीं  बदलने  से   मनुष्य   ऐसे  कार्य  जो  कानून  द्वारा  प्रतिबंधित  हैं  , वह   उन्हें  छिपकर  करने  लगता  है  l   अच्छाई  में  बढ़ा आकर्षण  होता  है  इसलिए  बड़े  से  बड़ा  पापी  भी  स्वयं  को  समाज  में  बहुत  सभ्य  और  प्रतिष्ठित  दिखाना  चाहता  है  l  वह  अपनी  मानसिक   विकृतियों    और  पापकर्मों  को   समाज  और  परिवार  से  छिपकर  अंजाम  देता  है  l  संचार  के  साधनों  ने  पाप  और  अपराध  का  भी  वैश्वीकरण  कर  दिया  l   आचार्य श्री  कहते  हैं  --- ' यदि  समस्याओं  का  समाधान  निकालना है  तो  अपने  जीवन  का  लक्ष्य   ' जीवन ' को  बनाना  चाहिए   l  व्यक्ति  के  जीवनक्रम  और   चरित्र  को  बनाने  के  लिए   आस्तिकता  और  ईश्वर  भक्ति  की  आवश्यकता   है  ताकि  मनुष्य  जाति  का  व्यक्तिगत  और  सामाजिक   जीवन   श्रेष्ठ  व  समुन्नत  बना  रहे  l  "  

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