26 April 2013

ISHVAR VISHVAS

इटली के वीर गैरीबाल्डी ने अपनी जीवन कथा में लिखा है -"युद्ध में मेरी विजय और साहस को देखकर मेरे मित्र बड़े विस्मय में हैं और वे यह समझते हैं कि मैं किसी दैवी शक्ति का प्रयोग करता हूँ | पर मैं यहां साफ बता देना चाहता हूं कि मेरे साहस और शौर्य के मूल में ,ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास ही है | मेरा विश्वास है कि जब तक मेरी माता मेरे प्राण -रक्षार्थ ईश्वर के ध्यान में निमग्न रहेंगी ,तब तक मुझ पर कोई विपति नहीं पड़ सकती | मैं ईश्वर के भरोसे बिलकुल निश्चिन्त हूँ | "
                इस युद्ध में भीषण रक्तपात हुआ ,गैरीबाल्डी के पास से सनसनाती हुई गोलियां छूटती रहीं ,गोले दगते रहे पर उनके जीवन को आंच नहीं आई |

 "          जिस परमात्मा को बड़े -बड़े ज्ञानी -ध्यानी भी योग साधनायें करके भी नहीं जान पाते उसे भक्त अपनी निष्ठा ,विश्वास और भावना के द्वारा प्राप्त कर लेते हैं | 

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