2 April 2013

PRESENT IS PRECIOUS

जो गुजर गया वह वापस नहीं आने वाला है |एक ही नदी के पानी में दो बार खड़ा हुआ नहीं जा सकता | नदी का पानी निरंतर प्रवाहित होता रहता है | दूसरी बार खड़े होने पर वह पानी आगे बढ़ चुका होता है | ठीक ऐसे ही वर्तमान पल एवं क्षण परिवर्तित होकर अतीत बन जाते हैं | जो व्यक्ति अपने अतीत में खोये रहते हैं वे मनोरोगी हो जाते हैं | जो अपने भविष्य की कल्पनाओं में डूबे रहते हैं वे शेखचिल्ली और पलायनवादी हो जाते हैं | निष्क्रिय ,निस्तेज और आलसी होकर सपने देखने से ऊर्जा के अभाव में सपने कभी पूरे नहीं होते |
हमारे हाथ में न तो अतीत है और न ही भविष्य ,हमारे नजदीक एवं निकट तो वर्तमान का क्षण है | यही वर्तमान का क्षण सच एवं यथार्थ है | इसी का सदुपयोग करना और इसी में जीने का अभ्यास करना चाहिये |
जो वर्तमान को साध लेता है ,वह अगला -पिछला सभी को साध लेता है | वर्तमान में विभूतियों ,उपलब्धियों का अंबार भरा पड़ा है | यही परमात्मा है ,यही जीवन है ,यही साधना है और इसी को साधना है | जो वर्तमान में जितना ज्यादा टिकेगा ,वह संसार और अध्यात्म दोनों ही क्षेत्रों में उतना ही सफल होगा | 

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