1 July 2013

DHYAN

'ध्यान अपने अंदर की लड़ाई को समाप्त करने की प्रक्रिया का नाम है | '
हमारा अंतस बैर से ,द्वेष से ,गहरी अशांति व अतृप्ति से भरा है | आत्म विकास का प्रथम चरण है ध्यान | ध्यान में व्यक्ति आत्म चिंतन करता है अपने व्यवहारिक जीवन में आदर्शों एवं सिद्धांतो का समावेश करके आत्म उन्नति की ओर अग्रसर हो जाता है | ध्यान योग के अभ्यास के लिये साधक को वासना ,तृष्णा ,अहंता के बोझ को हलका करना होता है | 
       ध्यान स्वयं को निर्मल बनाने की प्रक्रिया है | चित शुद्धि की प्रक्रिया है ध्यान | नरपशु को देव मानव में बदलने का विज्ञान है ध्यान | जो ईश्वरीय आभा को प्रकट करे वह दैवीय विधान है ध्यान |
   स्थाई सुख शांति प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति को ध्यान के द्वारा अपनी चेतना का विकास करना चाहिये | 

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