1 July 2013

WISDOM

जो काम अभी हो सकता है ,उसे घंटे भर बाद करने की मनोवृति आलस्य की निशानी है | एक -एक कार्य हाथ में लिया और करते चले गये तो बहुत से कार्य पूर्ण कर सकेंगे ,पर बहुत से काम एक साथ लेने से किसे पहले किया जाये ,इसमें समय बीत जाता है और एक भी काम काम पूरा और ठीक से नहीं हो पाता है | अत:पहली बात ध्यान में रखने की यह है कि जो कार्य आज अभी हो सकता है ,उसे कल के लिये न छोड़ें ,उसे तत्काल करें
           धरना देना ,धीमे काम करना ,हड़ताल करना ,भाग खड़े होना ,कर्तव्य त्याग देना ,अनुपस्थित रहना ,यह सब कार्य जीवन को धीमी मृत्यु की ओर ले जाते हैं ,सौंदर्य छीन लेते हैं व जीवन का क्षरण कर डालते हैं |
     अत:हमें जीवन -देवता की साधना- आराधना करते हुए गरिमामय जीवन जीना चाहिये |

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