' स्वार्थियों और बुद्धिहीनों की जोड़ी हमेशा दुर्गति को प्राप्त होती है | '
बहुत सारे केकड़े एक गड्ढे में रहा करते थे | एक दिन आसमान में जोर से बिजली कड़की तो उसकी आवाज सुनकर सारे केकड़े चौंक उठे , किंतु केकड़ों का राजा खुश होकर बाकी केकड़ों से बोला --" मेरे प्यारे देशवासियों ! मैं तुम्हे खुशखबरी देना चाहता हूँ कि अभी जो आकाशवाणी तुमने सुनी उसके अनुसार मुझे इंद्र का सिंहासन प्राप्त हो गया है , अब मैं स्वर्ग की ओर प्रस्थान करूँगा | " यह कहकर केकड़ों के राजा ने गड्ढे से बाहर निकलने का प्रयास प्रारंभ किया , पर बाकी सारे केकड़े उसके पैरों को पकड़कर लटक गये और सब एक दूसरे पर आ गिरे | इस आपा-धापी में केकड़ो का राजा कुचलकर मारा गया |
ओछे मनुष्य वे नहीं जो वजन ,लम्बाई या आयु की द्रष्टि से छोटे हैं | जिनकी विचारणा तथा आकांक्षा उथली और बचकानी है , जो गये-गुजरे लोगों की तरह सोचते और घटिया हथकंडे अपनाते है , उन्हें कोई चतुर भले ही कह ले , पर वस्तुत: वे व्यक्तित्व की द्रष्टि से बौने अपंग , अविकसित लोगों की श्रेणी में ही माने जा सकेंगे | "
बहुत सारे केकड़े एक गड्ढे में रहा करते थे | एक दिन आसमान में जोर से बिजली कड़की तो उसकी आवाज सुनकर सारे केकड़े चौंक उठे , किंतु केकड़ों का राजा खुश होकर बाकी केकड़ों से बोला --" मेरे प्यारे देशवासियों ! मैं तुम्हे खुशखबरी देना चाहता हूँ कि अभी जो आकाशवाणी तुमने सुनी उसके अनुसार मुझे इंद्र का सिंहासन प्राप्त हो गया है , अब मैं स्वर्ग की ओर प्रस्थान करूँगा | " यह कहकर केकड़ों के राजा ने गड्ढे से बाहर निकलने का प्रयास प्रारंभ किया , पर बाकी सारे केकड़े उसके पैरों को पकड़कर लटक गये और सब एक दूसरे पर आ गिरे | इस आपा-धापी में केकड़ो का राजा कुचलकर मारा गया |
ओछे मनुष्य वे नहीं जो वजन ,लम्बाई या आयु की द्रष्टि से छोटे हैं | जिनकी विचारणा तथा आकांक्षा उथली और बचकानी है , जो गये-गुजरे लोगों की तरह सोचते और घटिया हथकंडे अपनाते है , उन्हें कोई चतुर भले ही कह ले , पर वस्तुत: वे व्यक्तित्व की द्रष्टि से बौने अपंग , अविकसित लोगों की श्रेणी में ही माने जा सकेंगे | "
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