पूजा की थाली में रखे कुंकुम-रोली ने कपूर को देख व्यंग्य किया --" तुम तो जीवन भर इस थाली में पड़े रहते हो , पर हम तो भगवान के ललाट पर शोभित होते हैं | "
जब आरती का क्रम आया तो कपूर जलाया गया , सब ओर सुगंध फैल गई | अब कपूर बोला __
" जो गलते हैं और अपने आप को निछावर करते हैं , वे सर्वत्र फैलते हैं , अन्यथा अहंकारी एक जगह बैठकर अपने ही रूप पर खुश होता रहता है और समाज का कुछ भला नहीं कर पाता | "
जीवन की श्रेष्ठता दूसरों का हित करने में ही होती है |
जब आरती का क्रम आया तो कपूर जलाया गया , सब ओर सुगंध फैल गई | अब कपूर बोला __
" जो गलते हैं और अपने आप को निछावर करते हैं , वे सर्वत्र फैलते हैं , अन्यथा अहंकारी एक जगह बैठकर अपने ही रूप पर खुश होता रहता है और समाज का कुछ भला नहीं कर पाता | "
जीवन की श्रेष्ठता दूसरों का हित करने में ही होती है |
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