15 May 2024

WISDOM -------

  लघु -कथा ---- एक  बार  एक  बड़े  त्यागी  महात्मा   कहीं  धर्मोपदेश   करने  गए   और  वहां  से  एक  सोने  का  हार  चुरा  लाए  l  तीसरे  दिन   वे  बड़े  दुःखी  मन  से   वहां  पहुंचे   और  हार  लौटाते  हुए  क्षमा  मांगी  l  गृहस्थ  को  बड़ा  आश्चर्य  हुआ   कि  इतने  त्यागी  और  विद्वान  होते  हुए  भी   क्यों  इन्होने  हार  चुराया   और  क्यों  लौटाने  आए  ?  महात्मा जी  ने  बताया   कि  उस  दिन  उन्होंने   जिस  व्यक्ति  के  यहाँ  से  भिक्षा  ली  थी  ,  वह  चोर  था  l  उसका  अन्न  भी  चोरी  से  लाया  हुआ  था  l  उसे  खाने  से   मेरी  बुद्धि  में   चोरी  के  संस्कार  पैदा  हुए  l  इसके  बाद  पेट  खराब  हो  गया  ,  जब  वह  सारा  विकार , चोरी  का  अन्न  बाहर  निकल  गया   तब  सुबुद्धि  लौटी    तब  मैं  आपका  हार  लौटाने  आया  हूँ  l  

 ऋषि  कहते  हैं  --मनुष्य  की  सब  इन्द्रियों  में  जिह्वा  सबसे  महत्वपूर्ण  है   l  हाथ , पैर , आँख , कान   सभी  दो  हैं  ,  पर  उनका  काम  एक  ही  है   l  पर  जिह्वा  एक  है   पर  उसके  काम  दो  हैं  --- एक  भोजन  का  स्वाद  लेना  और  दूसरा  बोलना  l  इन  दोनों  का  संयम  मनुष्य  के  जीवन  को   प्रभावित  करने  वाला  है   l  भोजन  का  असंयम   शरीर  को  अस्वस्थ    बनाता  है  ,  तो  दूसरी  ओर  मन  के  विचार  को  भी  प्रभावित  करता  है  l  जैसा  होगा  अन्न , वैसा  होगा  मन  l  वर्तमान  समय  में   तो  स्थिति  अत्यंत  विकट  है  l  कृषि   उपज  में  इतनी  रासायनिक  खाद , रासायनिक उर्वरक , विशेष  किस्म  के  बीज  और   ऐसे  कीटनाशकों  का   प्रयोग  होता  है   कि  व्यक्ति  कितने  भी  नियम , संयम  से  रहे  ,  कोई  बुरी  लत  भी  न  हो  , तब  भी  कोई  न  कोई  बीमारी  घेरे  रहती  है  l  बड़े -छोटे  सभी  अस्पताल  बीमारों  से  भरे  हैं l  अब  सामान्य  मृत्यु  तो  बहुत  कम  होती  हैं ,  अधिकांश  बीमारी  से  मरते  हैं  l  इसके  साथ  संसार  में   अपराध , बेईमानी , भ्रष्टाचार  इतना  बढ़  गया  है   कि   हर  प्रकार  के  भोज्य  पदार्थ  में  सात्विकता  की  कल्पना  ही  नहीं  की  जा  सकती   l  वैचारिक   प्रदूषण    बढ़  गया  है   l   

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