26 July 2024

WISDOM ------

     लघु कथा ------- 1 .   मानसून  का  समय  आया  तो  एक  साल  भर  से  सुखी  नदी  उफान  के  साथ  बहने  लगी   l  गर्व  से  उन्मत  होकर  वह  समीप  बसे  गाँव   के  कुएं  से  बोली ---- " कुएं  भाई  !  जरा  मेरी  चौड़ाई  तो  देखो  l  मैं  एक  नहीं  दसियों  गाँव  को   अपने  अन्दर  समा  सकती  हूँ  l  तुम  तो  सहज  ही  मेरे  अन्दर  समा  जाओगे  l "  कुएं  ने  नदी  की  बात  का  कोई  उत्तर  नहीं  दिया  l  मौसम  बदला  तो  बरसाती  नदी    सूखकर   पतली  सी  धारा  में  बदल  गई  l   कुआं  उसे  संबोधित  करते  हुए  बोला ---- " बहन  !  जीवन  में  मात्र  विस्तार  ही  सब  कुछ  नहीं  होता  , गुणवत्ता  भी  आवश्यक  है  l  बिना  उदेश्य  के  बहुत  बढ़  जाने  से  भी  कोई  लक्ष्य  प्राप्त  नहीं  होता  l  जीवन  में  सफलता  तो  व्यक्तित्व  में  गहराई  लाने  से  ही  प्राप्त  होती  है   l "  

 2 .   एक   व्यापारी  रेगिस्तान  के   रास्ते  से    व्यापार  कर  के  लौट  रहा  था  l  उसने  अपनी  झोली  में  कई  कीमती  हीरे , जवाहरात   आदि  भर  रखे  थे   l  उसके  मित्रों  ने  समझाया  कि  कुछ  जवाहरात  छोड़  दे   और  उनके  बदले  पानी  की   चिश्तियां    बाँध  ले  ,  पर  उसने  उनकी  सलाह  को  दरकिनार  कर  अपनी  यात्रा  जारी  रखी  l  रास्ते  में  उसकी    भोजन  सामग्री  और  पानी  समाप्त  होने  पर   जब  वह  निढाल  हो  गया  ,  तब  उसे  एहसास  हुआ  कि   हीरे -जवाहरातों  से  पेट  नहीं  भरा  जा  सकता  l  मनुष्य  अपनी  कभी  न  समाप्त  होने  वाली  तृष्णा  के  कारण  धन- दौलत   के  पीछे  अंधाधुंध  भागकर   अपना   जीवन  बरबाद  कर  देता  है  l  

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