1 . पं . श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ----- " शुभ भाव , पवित्र भाव और सबके प्रति प्रेम का भाव सघन हो तो किसी को भी बदला जा सकता है l सच्चे साधक हमेशा अन्दर से अहिंसा के भाव से , प्रेम से भरे होते हैं l हिंसक पशु भी उनके सामने अपनी हिंसक वृत्ति छोड़ देते हैं l " ----- हरिहर बाबा बनारस के प्रसिद्ध योगी हुए हैं l एक हाथी पागल हो गया था l उसी गली में भागा जिसमे हरिहर बाबा जा रहे थे l लोगों ने चिल्लाकर कहा ---- " बाबा ! हट जाइए l हाथी थोड़े ही समझेगा कि आपकी किसी से दुश्मनी नहीं है , हट जाएँ l " पर बाबा खड़े रहे l हाथी आया बाबा के पास आकर खड़ा हो गया l बाबा ने सूँड़ पर हाथ फेरा l हाथी आँसू बहता रहा , फिर बैठ गया l थोड़ी देर वे उसे प्यार करते रहे , फिर वह उठकर चला गया l उसका पागलपन ठीक हो गया l
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