पाताल नरेश शंभर बड़ा शक्तिशाली असुर था l उसने देवलोक के सभी देवताओं को जीतकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया l देवता चिंतित होकर प्रजापति ब्रह्मा के पास गए और उनसे मुक्ति का उपाय पूछा l ब्रह्माजी बोले ---- " देवों ! असुरों का एक अस्त्र है हिंसा l वे प्राणियों का वध कर के अपनी शक्ति बढ़ाते हैं l यही पाप एक दिन उनके विनाश का कारण बनेगा l " फिर ऐसा ही हुआ l शंभर के तीन प्रधान सेनापतियों ---दाम , व्याल और कष्ट ने सारे राज्य में मांसाहार का प्रचार किया l एक दिन एक वधिक ने व्याल से कहा ----- " जब आप भी मांस खाते हो तो पशुओं का वध स्वयं अपने हाथ से किया करें l " वधिक की बात मानकर जब तीनों ने एक -एक पशु का वध किया तो मरते समय पशु की छटपटाहट देखकर तीनों के मन में मृत्यु का भय समा गया l भय के उत्पन्न होते ही उनकी घटने लगी और एक दिन देवताओं ने फिर से उन पर धावा बोल दिया l इस बार वे भयवश वीरता पूर्वक नहीं लड़ सके और युद्ध में मारे गए l हिंसा का पाप अंतत: विनाश का कारण बनता है l दूसरों को पीड़ित देखकर स्वयं का भी मनोबल टूटता है l
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