30 July 2024

WISDOM ------

   पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ----' अपने  जीवन  में  चाहे  जितने  भी  रिश्ते  हों  , लेकिन  एक  रिश्ता  भगवान  से  भी  रखना  चाहिए  l  और  अपने  मन  की  हर  बात  को  उनसे  बताना  चाहिए  l  यह  संवाद  भले  ही  एकतरफा  होता  है  ,  लेकिन  जिन्दगी  की  बहुत  सारी  उलझनों  को  सुलझाता  है  l  इससे  हमारी  भावनाओं  को  संबल  मिलता  है   कि  कहीं  कोई  है  ,  जो  हमारा  ध्यान  रखता  है   और  मुसीबत  के  समय  में  हमें  गिरने  नहीं  देता  है  , संभाल  लेता  है  l  '   आचार्य श्री  आगे  लिखते  हैं  ---- '  इसके  साथ   अपने  कर्तव्य  का  पालन  और  प्रबल  पुरुषार्थ   करने  से  भी  पीछे  नहीं  हटना  चाहिए  l  जिन्दगी  स्वयं  में  एक  शिक्षक  की  तरह  है  ,  जो  हर  कदम  पर  शिक्षण  देती  है   और  देर -सबेर  हमें  भावनाओं  के  स्वस्थ  विकास  में  मदद  करती  है  l '

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