28 December 2024

WISDOM -----

  कहते  हैं  कि  इस  संसार  में  एक  पत्ता  भी  हिलता  है तो  वह  ईश्वर की  मर्जी से  हिलता  है    लेकिन  जो  अहंकारी  हैं  ,  शराफत  का  मुखौटा  लगाकर  रहते  हैं  ,   लोगों  को  बिना  वजह  सताते  हैं , उत्पीड़ित  करते  हैं ,  धोखा  देना , हक  छीनना ,  किसी  को  सुख -चैन  से  जीने  न  देना  ---- जैसे  घ्रणित  अपराध  करते  हैं  ,  वे  सोचते  हैं कि  वे  ही   भगवान   हैं  ,  जो  चाहे  वह  कर  सकते  हैं  , अपने  धन  और  शक्ति  से  वे  कानून  से  भी  बच  सकते  हैं   और  ऐसा  होता  भी  है  लेकिन  वे यह  नहीं  जानते  कि  ईश्वर  हजार आँखों  से  उनके  हर  कर्म  को  देख  रहा  है  l  जो  पाप  कर्म  करते  हैं  उनकी  बुद्धि  भ्रष्ट  हो  जाती  है  ,  वे  स्वयं  अपने  हर  गलत  कदम  से  अपने  पाप  के  घड़े  को  भरते  जाते  हैं  l  ईश्वर  चाहते  हैं  कि   दुनिया  में  अच्छाई  हो ,   लोग  शांति  से  रहें  इसलिए  ऐसे  लोगों  को  सुधरने के  अनेक  मौके  भी  देते  हैं  l  कुकर्म  करते   रहने  से  उनके  पाप  का  घड़ा  पूरा  भर  जाता  है  और  पुण्य  का  खाली  हो  जाता  है   और  तब  उन्हें  ईश्वर  की  लाठी   पड़नी   शुरू  हो  जाती  है  l   यह  सब  ईश्वरीय  विधान  है    किसी  को  कष्ट , दुःख , पीड़ा  देकर   उसे  सद्बुद्धि  भी  देते  हैं  कि  इन  कष्टों  को  चुनौती  मानकर  अपने  व्यक्तित्व  को  निखारो ,  कष्टों  की   अग्नि   में  तपकर   स्वर्ण  बनो   और  दूसरी  ओर  पापियों   की  बुद्धि  भ्रष्ट  कर  उन्ही  के  हाथों  उनका  पाप  का  घड़ा  भरवा  देते  हैं   और  फिर  उन्हें  पापों  का  दंड  देते  हैं  l  जो  भी  व्यक्ति  ईश्वर  के  इस  विधान  को  समझ  जाता  है  , वह  सिर्फ  ईश्वर  से  ही   भय  खाता  है  ,  वह  संसार  में  किसी  से  नहीं  डरता  है  l  

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