ऋषियों का वचन है ---- ' ईश्वर की अवहेलना कर के किया गया कार्य सर्वथा निष्फल हो जाता है और उसमे पग - पग पर विपत्ति आती है l जहाँ अपूज्य पुरुषों की पूजा होती है और पूजनीय पुरुष का तिरस्कार होता है अथवा उसकी पूजा नहीं होती है , वहां दारिद्र्य , मृत्यु तथा भय , ये तीनों संकट अवश्य उपस्थित होते हैं l '
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