5 July 2013

WISDOM

'केवल इंद्रियों पर संयम करना काफी नहीं है | संयमी वह है जो विचारों,पर  संयम करना जानता  है '
  इस संबंध में भगवान बुद्ध भिक्षुओं से कहते हैं -"भिक्षुओं ! गलत विचारों पर विजय का एकमात्र मार्ग समय -समय पर मन की गतिविधियों का पर्यवेक्षण करना ,उनपर चिंतन -मनन करना और जो कुछ निम्न एवं हेय है उसको त्यागते हुए श्रेष्ठ का वरण एवं विकास करना है | इस तरह जब भिक्षु अपने बुरे विचारों पर विजयी हो जायेगा ,वह एक दिन अपने मन का स्वामी बनेगा और सदैव के लिये बुराई एवं दुःख से मुक्त हो जायेगा | "

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