स्त्री हो या पुरुष उसकी श्रेष्ठता का आधार उसका उज्ज्वल चरित्र और सच्ची कर्तव्य निष्ठा है l
उस कठिन समय में जबकि देश में भयंकर राजनीतिक भूचाल आया हुआ था और बड़े - बड़े राजभवन डगमगा रहे थे , झाँसी की रानी द्रढ़ता पूर्वक अपने राज्य में शान्ति और सुव्यवस्था कायम रख कर प्रजा को सुखी बनाने का प्रयत्न कर रहीं थीं l उनकी आयु बहुत कम थी पर उन्होंने अपना ध्यान शान - शौकत और सुखोपभोग में न लगाकर परोपकार और कर्तव्य पालन को अपना धर्म समझ रखा था l वे एक श्रेष्ठ शासन कर्ता और चतुर राजनीतिज्ञ की तरह शासन कार्य करती थीं l
उस कठिन समय में जबकि देश में भयंकर राजनीतिक भूचाल आया हुआ था और बड़े - बड़े राजभवन डगमगा रहे थे , झाँसी की रानी द्रढ़ता पूर्वक अपने राज्य में शान्ति और सुव्यवस्था कायम रख कर प्रजा को सुखी बनाने का प्रयत्न कर रहीं थीं l उनकी आयु बहुत कम थी पर उन्होंने अपना ध्यान शान - शौकत और सुखोपभोग में न लगाकर परोपकार और कर्तव्य पालन को अपना धर्म समझ रखा था l वे एक श्रेष्ठ शासन कर्ता और चतुर राजनीतिज्ञ की तरह शासन कार्य करती थीं l
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