' साधन तथा प्रभुत्व अपने आप में महान नहीं वरन इनका सदुपयोग कर के ही इन्हें महत्ता दिलाई जा सकती है l मनुष्य की प्रतिभा तथा योग्यता की भी यही स्थिति है l सदुपयोग एक आवश्यक शर्त है l ' सूफी अम्बा प्रसाद ने अपनी लेखनी का उपयोग एक महान प्रयोजन के लिए किया l
उन्होंने देखा कि भारतवासी इतने अत्याचार सहते हैं फिर भी चुप रहते हैं इसलिए उन्होंने भारतवासियों को जगाने के लिए पत्रकारिता को चुना और ' पेशवा ' समाचार पत्र के माध्यम से वह हवा बहाई कि उससे चिनगारियाँ दावानल बनने लगीं l ' पेशवा ' के माध्यम से इन क्रान्तिकारियों की आवाज जन - जन के अन्दर सोई हुई मर्दानगी , आदर्शवादिता तथा राष्ट्र प्रेम जगा रही थी l
उन्होंने देखा कि भारतवासी इतने अत्याचार सहते हैं फिर भी चुप रहते हैं इसलिए उन्होंने भारतवासियों को जगाने के लिए पत्रकारिता को चुना और ' पेशवा ' समाचार पत्र के माध्यम से वह हवा बहाई कि उससे चिनगारियाँ दावानल बनने लगीं l ' पेशवा ' के माध्यम से इन क्रान्तिकारियों की आवाज जन - जन के अन्दर सोई हुई मर्दानगी , आदर्शवादिता तथा राष्ट्र प्रेम जगा रही थी l
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