11 January 2019

WISDOM ----- जो स्वावलंबन और आत्मविश्वास के साथ बढ़ता है , उसकी योग्यता , कर्मठता , साहस और कर्तव्य भावना अदम्य होती है ---- लाल बहादुर शास्त्री

 शास्त्री  ने    कहा  था --- "  फूल  कहीं  भी  हो  खिलेगा  ही  l  बगीचे  में  हो  या  जंगल  में  ,  बिना  खिले  उसे  मुक्ति  नहीं  है  l  बगीचे  का  फूल पालतू  फूल   है  ,  उसकी  चिंता  स्वयं  उसे  नहीं  रहती  l    जंगल  का  फूल  इतना  चिंता मुक्त  नहीं  ,  उसे  अपना  पोषण  आप  जुटाना  पड़ता  है ,  अपना  निखर  आप  करना  पड़ता  है  l  कहते  हैं  कि  इसीलिए  वह  खिलता  भी  मंद  गति  से  है   l  सौरभ  भी  धीरे - धीरे  बिखेरता  है  l  किन्तु  उसकी  सुगंध  बड़ी  तीखी  होती  है  l  काफी  दूर  तक  वह  अपनी  मंजिल   तय    करती  है  l
  यही  बात    मनुष्य  के  विकास  में  भी  लागू  है  l  सफलता  की  मंजिल  भले  ही  देर  से  मिले  ,  पर अपने  पैरों  की  गई  विकास  यात्रा    अधिक  विश्वस्त  होती  है  l   अपने  आप  बढ़ने  में  सच्चाई  और  ईमानदारी  रहती  है  l   संसार  में  कार्य  करने  के  लिए  स्वयं  का  विश्वासपात्र  बनना  आवश्यक  है   l  आत्मशक्तियों  पर  जो   जितना  अधिक  विश्वास  करता  है  ,  वह  उतना  ही  सफल   होता  है   l 
    

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